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Channel: MUSKAN
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एक छोटे वेबन्यूज एडिटर की पीड़ा - Amorphous technology Solutions से कभी ना बनवाए अपने वेबसाईट

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मैं राजेश सिंह क्षत्री छत्तीसगढ़ के जांजगीर जैसे एक बहुत ही छोटे से शहर से जहां से किसी दैनिक अखबार के प्रकाशन की कल्पना तो दूर कोई साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित नहीं होती मैग्जिन के रूप में मार्च 2011 में मैंने हिन्दी मासिक पत्रिका ‘‘पंचायत की मुस्कान’’का प्रकाशन प्रारंभ किया तथा तमाम संघर्षो के बाद भी अब तक बिना एक भी अंक मिस किए पंचायत की मुस्कान का नियमित प्रकाशन जारी है। मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के प्रकाशन के बाद मेरा खुद का मानना रहा कि अगर मेरे मासिक पत्रिका के नाम से एक वेब साईट हो जाता तो मेरी मासिक पत्रिका और भी ज्यादा आकर्षक और विश्वसनीय हो जाती तथा अपने जिन संवाददाताओं और क्लाईटों के समाचारों को मैं अपनी मासिक पत्रिका में स्थान नहीं दे पाता उन्हें अपने इस वेबसाईट के माध्यम से संतुष्ट कर लेता। इसी सोच के साथ मैंने अपनी मासिक पत्रिका के प्रकाशन के सफलतापूर्वक एक वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद वेबसाईट बनाने वाली कई संस्थानों से कोटेशन मंगाया तो उसमें से एक नाम शिवा कुंज रेल्वे कालोनी, गुलमोहर भोपाल की Amorphous technology Solutions भी थी। इस कंपनी की ओर से तब किसी अभय दुबे नाम के व्यक्ति ने मुझसे व्यक्तिगत रूप से भी फोन पर चर्चा कर जानकारी दी कि उनके द्वारा बहुत सारे नामी गिरामी वेबसाईटों की रचना की गई है, मेरा वेबसाईट गूगल रैंक में तो नंबर वन ही रहेगा साथ ही साथ सभी सर्च इंजनों के द्वारा मेरे वेबसाईट में डाले गए मटेरियल को सर्च किया जाएगा जिससे कि उसमें अच्छे खासे पाठक सर्च इंजन के माध्यम से भी जा जायेंगे जिससे कि मुझे अच्छा खासा विज्ञापन भी मिल सकता है।
मैंने जितने भी लोगों से कोटेशन मंगवाया उनके दावों में मुझे Amorphous technology Solutions के दावे ज्यादा आकर्षक लगा और मैंने जुलाई 2012 के अंतिम सप्ताह में उनसे अपने वेबसाईट बनवाने की सहमति प्रदान कर दी। मैंने उन्हें कहा कि यदि मेरी वेबसाईट 10 अगस्त तक बन जाती है तो मैं उसका विधिवत उद्घाटन 15 अगस्त को माननीय अतिथियों के द्वारा करा लूंगा। इस पर उन्होंने कहा कि वो एक सप्ताह में वेबसाईट को पूर्ण कर देंगे तथा दो दिन में मैं वेबसाईट का पूर्णरूपेण संचालन करना सीख जाऊंगा जिससे मैं 15 अगस्त तक आराम से अपने वेबसाईट की ओपनिंग कर लूंगा। मैंने अपने छोटे से शहर में अपने वेबसाईट के उद्घाटन की पूर्ण तैयारी की। मेरे वेबसाईट का नाम मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के नाम पर होने की वजह से जिला पंचायत जांजगीर-चांपा की माननीय अध्यक्षा श्रीमती सूरज ब्यास कश्यप को उद्घाटन समारोह का मुख्य अतिथि नियुक्त किया और 15 अगस्त का इंतजार करता रहा। इस बीच वो आज-कल में मेरे वेबसाईट के अस्तित्व में आने की बात करते रहे। 14 अगस्त को देर रात को उन्होंने बताया कि मेरे वेबसाईट का निर्माण हो गया है जिसकी वजह से 15 अगस्त 2012 तक मैं अपने वेबसाईट में कुछ भी नहीं डाल सका तथा मेरा पहला ही कार्यक्रम वेबनिर्माता कंपनी की लापरवाही और लेट लतीफी की वजह से निरस्त करना पड़ा।
पूरे वर्ष भर अपने लेखों को सर्च इंजन में स्थान दिलाने मैं स्वयं तथा अपने मित्रों से नए-नए रचनाए और न्यूज लिखवाता रहा लेकिन सर्च इंजन उन शब्दों को ढूंढनें में असफल साबित होते रही। मेरी स्वयं की रचनाएं सर्च इंजन में ढूंढने से मेरे वेबसाईट में कम और दूसरे वेबसाईटों में ज्यादा दिखाई देती रही। मेरी कोशिश जारी रही, न्यूज डालना तो मैं सीख गया लेकिन विडियो गैलरी और फोटो गैलरी में कुछ डालना वेबनिर्माता कंपनी की मदद और उनके बताए बिना संभव ही नहीं हो पाया। इस बीच चांपा शहर में चोरी के आरोप में एक नाबालिक व्यक्ति को सरेराह मुंडन कर घुमाए जाने की एक्सक्लूजिव विडियो मुझे प्राप्त हुई तब मैंने उसे मेरे साईट में डालने के लिए वेबनिर्माता कंपनी को मेल से भेज दिए लेकिन एक सप्ताह बाद उन्होंने यह कहते हुए उसे डालने से इंकार कर दिया कि डब्लूएमवी फार्मेट का विडियो वेबसाईट में नहीं डलता। जैसे तैसे मैंने अगले वर्ष के लिए अपने वेबसाईट का रिनिवल कराया, इस बीच उन्होंने मेरे वेबसाईट को ज्यादा आसान सर्वर में डालने की बात कहते हुए सितंबर 2013 में कुछ परिवर्तन किए। जिसके  बाद पता चला कि वेबसाईट में की गई मेरी 13 महीने की मेहनत 13 सेकंड में बेकार चली गई तथा मेरे वेबसाईट में डाले गए सारे कांटेंट मिट गए। मैंने इस बारे में अपने वेबनिर्माता कंपनी से बात की तो उन्होंने एक लाईन में कह दिया कि हम कुछ नहीं कर सकते आप सारी चीजें फिर से डाल ले। एक बार मेहनत बेकार होने के बाद वेबसाईट चलाने की मेरी इच्छा काफी कुछ धूमिल पड़ गई वहीं रोजाना वेबसाईट को संवारने में आठ से दस घंटे देने वाला अकेला व्यक्ति सप्ताह में आठ से दस घंटे देने में भी कतराने लगा। बाद में वेबनिर्माता कंपनी की ओर से मुझसे किसी इमरान नामक व्यक्ति से उनके मोबाईल नंबर 09826445006 पर बात होते रही। इस बीच मैंने उन्हें एक बार फिर से अपने वेबसाईट में कुछ संसोधन करने की बात कही। चूंकि मैं अपने वेबसाईट में विडियो गैलरी और फोटो गैलरी में कुछ डालना नहीं सीख पाया था या फिर मुझे नहीं सिखाया गया था इसलिए ये दोनों चीजें मेरे लिए बेकार थी इसलिए मैंने उन्हें हटाकर विज्ञापन स्पेश देने की बातें कही वहीं पाठकों को आकर्षित करने के लिए एक विशेष वर्ग के पाठकों के लिए ही समाचार डालने की बात सोची जिससे उनको बताने पर वो मेरे वेबसाईट के निश्चित पाठक बन सके। वहीं एक बार फिर से मैंने अपने वेबसाईट में प्रारंभ में डले फेसबुक लाईक पेज, ईमेल सब्सक्रिप्शन और आगंतुकों के आंकड़े दिखाने का अनुरोध किया जिससे मैं उसके अनुसार अपने वेबसाईट में सुधार कर सकूं। मैंने वेबनिर्माता कंपनी Amorphous technology Solutionsको निर्धारित संशोधन शुल्क और नवीनीकरण शुल्क 13 अगस्त को जमा कर दिए क्योंकि 14 अगस्त को मेरे वेबसाईट निर्माण के दो वर्ष पूर्ण हो रहे थे। इस बीच मैंने जिन पाठकों के लिए विशेष तौर से अपने वेबसाईट में संसोधन कराना चाहा था ऐसे हजारों लोगों को एसएमएस किए कि पंचायत की मुस्कान अब उनकी पसंद के अनुसार 15 अगस्त से दिखाई पड़ेगा। 15 अगस्त को सुबह उन सारे लोगों ने मुझे सरप्राईज दिया कि हमारा वेबसाईटपंचायत की मुस्कानतो खुल ही नहीं रहा है। 15 अगस्त से 18 अगस्त तक हमारा वेबसाईट बंद रहा वहीं 13 अगस्त को पैसा जमा करने के बाद आज दिनांक तक वेबसाईट में आवश्यक संसोधन नहीं हो पाए हैं। विडियो गैलरी और फोटो गैलरी को हटा दिया गया है लेकिन उस स्थान पर कुछ भी विज्ञापन नहीं डल पा रहा है तो वहीं एक अन्य स्थान पर भी विज्ञापन के स्थान खाली दिख रहे हैं लेकिन उसमें कहने के बाद भी आवश्यक संसोधन नहीं किया गया है। ईमेल सब्सक्रिप्शन तो लगा दिया गया है लेकिन उसमें ईमेल पता दर्ज कराने के बाद भी समाचार ईमेल से किसी को नहीं मिल पा रहा है तो वहीं हिन्दी में लोगों के कमेंट्स नहीं आ पा रहे हैं तो वहीं इंग्लिश में दो लाईन के कमेंट्स ही दर्ज हो पा रहे हैं। हद तो आज एक अक्टूबर की सुबह फिर से हो गई जब एक बार फिर से वेबसाईट बंद हो गई है और तीन बजे तक वह नहीं दिख पा रहा है जबकि बीते एक महीने में मैंने अपने वेबसाईट के विकास के लिए रोजाना अपने आठ से दस घंटे खर्च किए हैं जिसका सार्थक परिणाम यह रहा है कि मेरा वेबसाईट अलेक्सा रैंक में इस एक महीने में 1 करोड़ 10 लाख से भी ज्यादा रैंक उपर आया है। ऐसे में अगर वेबनिर्माता कंपनी की लापरवाही से बार-बार मेरे वेबसाईट बंद होते रहे या वो मेरे अनुसार नहीं चलते रहे तो ऐसी वेबनिर्माता कंपनी के बारे में मैं और क्या राय दूं समझ नहीं आ रहा। अब ऐसे में न्यूज या किसी अन्य कार्य के लिए वेबसाईट बनवाने वाले लोगों से मैं तो बस एक ही बात कहूंगा कि चाहे कुछ भी कर लेना पर Amorphous technology Solutions से कभी भी अपने वेबसाईट की डिजाइन मत बनवाना।

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