राजेश सिंह क्षत्री प्रधान संपादक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
नए साल में हमें आपका वही पुराना साथ चाहिए, हमें आपसे अपनेपन का वही मधुर अहसास चाहिएएक बार फिर कैलेण्डर में साल बदल गया, 2022 की विदाई के बाद 2023 आ गया। 2022 के आगमन के साथ ही न जाने आंखों ने कितने सारे सपने पाल रखे थे, कुछ एक को छोडक़र सारे सपने अब तक सपने ही बने हुए हैं। ये सपने उल्टा हमें ही मुंह चिढ़ाने लगे हैं। 2020 में जब कोरोना आया तो लगा चाइनीच माल है जिसकी कोई गारंटी तो क्या वारंटी भी देने के लिए तैयार नहीं होता ऐसे में कितने दिन टिकेगा भला ? पर कोरोना 2020 के साथ-साथ 2021 में भी पूरी तरह डटा रहा। 2022 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ममता दीदी की रैलियों में लोगों की भारी भीड़ देखकर एक बार फिर से उम्मीद बंध गई थी कि 2022 में तो कोरोना पूरी तरह से अपना बोरिया बिस्तर समेट ही लेगा, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कोरोना प्रोटोकाल में दी गई ढील और रोज कम होते कोरोना के आंकड़े भी यही अहसास कराते रहे लेकिन 2022 के जाते जाते केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी में कोरोना के जिंदा होने का अहसास दिलाने और उसके बाद देश भर में हुई मॉकड्रील ने साफ कर दिया है कि 2023 में भी कोरोना से डरना जरूरी है। कोरोना काल के प्रारंभ होने के बाद बहुतों की नौकरी छुट गयी, आमदनी के साधन कम हो गए तो लगा कि शायद देश में मंहगाई पर लगाम लग जाएगी। सरकार में बैठे हुए यही लोग जब विपक्ष में थे तो पेट्रोल अथवा रसोई गैस में थोड़ी सी बढ़ोतरी होने पर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को पानी पी पीकर कोसते थे ऐसे में इस सरकार से लोगों ने उम्मीद कुछ ज्यादा ही पाल रखी थी लेकिन हुआ ठीक उलटा। रूस यूक्रेन युद्ध प्रारंभ होने के बाद सरकार के हितचिंतकों ने दावा किया कि हमें रूस से तेल काफी सस्ता मिल रहा है वहीं बीते दो महीने में अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में भी तेल की कीमतों में भारी कमी आई लेकिन हमारे यहांं सौ पार होने के बाद डीजल, पेट्रोल के दाम ऐसे अटक गए मानों दीवार पर टंकी कोई घड़ी बंद हो गई हो, गुजरात चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत और देशवासियों द्वारा 2022 में खरीदे गए रिकार्ड आभूषण ने बता दिया है कि अब मंहगाई के मुद्दे पर भी देशवासियों में एंटीबाडी तैयार हो चुकी है। विदेश, देश, रायपुर से लेकर जांजगीर तक 2022 में कितना कुछ बदल गया। अमेरिकावासियों ने ट्रंप को टाटा कह बाईडेन को ला दिया तो काल के क्रूर हाथों ने संगीत की देवी माने जाने वाली लता मंगेश्कर से लेकर भारतीय सिने संसार में सौ करोड़ की पहली फिल्म देने वाले डिस्को किंग बप्पी लहरी तक को छीन लिया। छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ जब एक आईपीएस अफसर जीपी सिंह की गिरफ्तारी हुई। रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर सरकारी हेलीकॉप्टर अगस्ता वैस्टलैंड क्रैश हो गया जिससे चॉपर में मौजूद दोनोंं पायलट गोपाल कृष्ण पांडा और एपी श्रीवास्तव की मौत हो गई। लोगों से गोबर खरीदने के बाद छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना जहां सरकार ने गौमूत्र भी खरीदने की शुरूआत की। ईडी आईटी ने हाईप्रोफाइल नेताओं, ठेकेदारों के साथ-साथ साल भर अधिकारियों को भी डराए रखा जिसकी वजह से आईएएस समीर विश्रोई सहित राज्य सरकार की करीबी अफसर तक को जेल की सलाखो के पीछे पंहुचा दिया। देशवासियों ने अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के छोटे से बच्चे राहुल की जांबाजी देखी, जिसने 60 फीट गहरे बोरवेल के गडढ़े में गिरने के बाद सांप और मेढक के साथ रहते हुए भी अपना हौसला नहीं खोया और प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना ने रिकार्ड 106 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे जिंदा निकाला। 2022 में जांजगीर-चांपा जिले के इतिहास के साथ-साथ भूगोल भी बदल गया जब जांजगीर-चांपा जिले से अलग होकर सक्ती जिला अस्तित्व में आ गया। 2023 का आगमन हो चुका है, 2022 की तरह एक बार फिर 2023 से भी बड़ी अपेक्षाए है। छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सहित देश के लगभग एक तिहाई राज्यों में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में मंहगाई कम होने की एक उम्मीद तो अब भी नजर आती है वहीं बीते लगभग तीन साल में कोरोना ने देशवासियों को बहुत कुछ सीखा दिया है एक्सपर्ट का भी मानना है कि 90 प्रतिशत देशवासियों में कोरोना से लडऩे एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है ऐसे में चीन में हाहाकार मचा रहे कोरोना के नए वेरियंट से देशवासियों के सकुशल रहने की एक उम्मीद तो बनती ही है। 2023 में बुलेट ट्रेन और 5-जी के आगमन से भी देश के युवाओं में उम्मीद की नयी किरण बंधते दिख रही है। हममें से अधिकांश नए साल पर कोई न कोई वादा जरूर करते हैं ये बात अलग है कि सर्वे कहती है कि इसमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा वादा पूरा नहीं होता, इस बार भी अपने और अपने परिवार की बेहतरी के लिए खुद से कोई एक वादा जरूर करें, क्योंकि परिवार से ही समाज और समाज से देश का निर्माण होता है। आप सभी को नववर्ष 2023 की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ...
कैलेण्डर के पन्ने की तरह पलटने की आदत नही है हमें, साल बदलता है बदल जाने दो, बीते साल जो भी गलतियां हुई हमसे सब माफ करो, नन्हीं आंखों में उम्मीदों के नए सपने बस जाने दो