राजेश सिंह क्षत्री
रायपुर/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस![]() |
Dainik chhattisgarh express |
तो आखिरकार छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी का नाम घोषित हो ही गया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा नामांकन फार्म खरीद लिए जाने के बाद भी पार्टी ने उनके लिए दिल्ली को दूर ही रखा और सरोज पाण्डेय के नाम पर मुहर लगा दी। सरोज पाण्डेय का राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया जाना एक साथ कई पैगाम दे गया।
राज्यसभा के माध्यम से सांसद बनने का छत्तीसगढ़ के संगठन प्रमुख धरमलाल कौशिक का सपना फिलहाल अभी अधूरा ही रह गया। धरमलाल कौशिक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं, भूषण जांगड़े का कार्यकाल पूरा होने से रिक्त हो रही राज्यसभा सीट के लिए राज्य के मुखिया डॉ. रमन सिंह की भी पहली पसंद धरमलाल कौशिक ही रहे यही वजह रही कि मुख्यमंत्री निवास में आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में सारे नेताओं से लेकर अधिकारियों तक ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को राज्यसभा सांसद बनने के लिए अग्रिम बधाई दे डाली वहीं धरमलाल कौशिक की ओर से राज्यसभा के लिए नामांकन फार्म तक खरीद लिया गया इन सबके बाद भी यदि धरमलाल कौशिक के स्थान पर पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय के नाम पर राज्यसभा के लिए मुहर लगी तो इसके निहितार्थ समझे जा सकते हैं। इसका पहला अर्थ तो यह लगाया जाना चाहिए कि आगामी चुनाव को देखते हुए राज्य से जुड़े सारे फैसले अब केन्द्रीय नेतृत्व ही तय करेगा, इसका आभास भी तभी होने लगा था जब राज्य इकाई के द्वारा राज्यसभा के लिए दावेदारी कर रहे सभी 25 लोगों के नाम आगे बढ़ा दिए गए थे। इन सब के बीच धरमलाल कौशिक यदि राज्यसभा जाने के प्रति आशान्वित थे तो इसकी सबसे बड़ी वजह यही थी कि राज्य में सत्ता अर्थात धरमलाल कौशिक और संगठन अर्थात मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दोनों की पहली पसंद इस पद के लिए धरमलाल कौशिक ही थे ऐसी स्थिति में उनका ओव्हरकांफिडेंस उन पर भारी पड़ गया वहीं केन्द्रीय नेतृत्व ने एक प्रकार से राज्य के नेताओं को भी इस फैसले से चेता दिया है कि प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए तथा राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में हुए उपचुनाव में मिली पराजय के बाद अब वो छत्तीसगढ़ को भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और संगठन प्रमुख धरमलाल कौशिक के बूते छोडऩा नहीं चाहते तथा आगामी चुनाव में भले ही सामने में चेहरा राज्य के मुख्यमंत्री का होगा लेकिन चुनाव तो यहां भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ऐसी स्थिति में मिशन 2018 और मिशन 2019 में भी किसको टिकट मिलेगी तथा किसकी टिकट कटेगी इसका फैसला केन्द्रीय नेतृत्व ही करेगा। खुद के स्थान पर सरोज पाण्डेय को टिकट मिलने से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरम लाल कौशिक को जहां जोर का झटका लगा है वहीं इन सबके बाद भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के लिए यह खबर इसलिए राहत पंहुचाने वाली हो सकती है कि चुनाव पश्चात पार्टी के सत्ता में आने पर उनके समक्ष परेशानी खड़े कर सकने वाली नेता फिलहाल केन्द्रीय राजनीति में एडजस्ट रहेगी।