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छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की ठिठोली है, बुरा ना मानो होली है |
पार्टी में डा. रमन सिंह वीणा भाभी को साथ लेकर आए, अजीत जोगी के बगल में खड़ी रेणु भी मुस्काए। टीएस बाबा के साथ भूपेश बघेल की जोड़ी जंच रही थी, प्रेमप्रकाश पाण्डेय को देख कोने में खड़ी सरोज पाण्डेय हंस रही थी। बृजमोहन अग्रवाल शिवरतन शर्मा को साथ धरे थे, राजेश मूणत अकेले ही पार्टी में आने पर अड़े थे। अजय चन्द्राकर का ठाठ ही निराला था, अमर अग्रवाल के हाथों में पकौड़े और दूध का प्याला था। केदार कश्यप परंपरागत आदिवासी वेषभूषा में छाए हुए थे, पुन्नूलाल मोहले सफेद धोती कुरता पहन आए हुए थे। श्रीमती रमशीला साहू के साथ महिलाओं की फौज बड़ी थी, रामसेवक पैकरा के आगे-पीछे पुलिस खड़ी थी। दयालदास बघेल आते ही कुर्सी में धंस गए थे, महेश गागड़ा थोड़ी देर से पंहुचे बताया जाम में फंस गए थे। गौरीशंकर अग्रवाल विधानसभा की कार्यवाही में तो प्रमोद दुबे निगम के कामों में खोए हुए थे, सत्यनारायण शर्मा, डा. चरण दास महंत, धनेन्द्र साहू, मोतीलाल देंवागन, चुन्नीलाल साहू, बृहस्पत सिंह, अमरजीत भगत, उमेश पटेल, श्यामलाल कंवर, जयसिंह अग्रवाल, रामदयाल उइके, अरूण वोरा, कवासी लखमा की एक अलग ही टोली थी तो वहीं दूसरी ओर रमेश बैस, कमला देवी पाटले, लखन साहू, भैयालाल राजवाड़े, सुनीति राठिया, लखन देवांगन, राजू सिंह क्षत्री, डा. खिलावन साहू, युद्धवीर सिंह जूदेव, अंबेश जांगड़े, देवजी भाई पटेल, श्रीचंद सुंदरानी, लाभचंद बाफना की अपनी दूसरी टोली थी। अमित जोगी को ऋचा के साथ-साथ आरके राय और सियाराम कौशिक का भी साथ मिला था। केशव चन्द्रा को विमल चोपड़ा का हाथ मिला था। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेसकी होली की पार्टी थी, सब एक दूसरे पर रंग गुलाल लगा रहे थे, किसी ने दूध से भरा गिलास थामा तो किसी ने पकौड़े के साथ गुजिया और गुलाब जामुन का मजा लिया।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में कार्यकारी संपादक का पद बचाए रखना
भंग ने अपना रंग दिखाया हुआ था, सीमए पर भी भंग का नशा छाया हुआ था। चेहरे पर थी फीकी मुस्कान जो सवाल कर रहे थे, नगाड़े के साथ थिरकते कदम बवाल कर रहे थे। हमने सीएम से कहा, सीएम साहब आपके पार्टी में आने से हमारा मान बढ़ता है, टेसू तो खिले खिले नजर आ रहे हैं पर क्यों ये कमल सा चेहरा मुरछाया जान पड़ता है। डॉक्टर साहब बोले, ठाकुर आप तो हमारे सगा समाज से हो आपसे क्या छिपाना, राजनीति का टेंशन मन के राजा को गरीब बना दे रहा है, चौथी पारी का टेंशन एक डॉक्टर को भी मरीज बना दे रहा है। अमित शाह पैंसठ प्लस पर अड़े हैं तो कुर्सी खिंचने अपनी ही पार्टी के साथी साथ खड़े हैं। शिक्षाकर्मियों को संविलियन नहीं कर पा रहा हूं इसलिए वो रूठे हैं, आंगनबाड़ी वालों का मानदेय पांच सौ और हजार रूपए बढ़ा दिया तब भी वो रूठे हैं। कैबिनेट में प्रेमप्रकाश, बृजमोहन और अजय चन्द्राकर की तिकड़ी मुंह खोलने नहीं दे रही तो दिल्ली में बैठे मोदी कुछ बोलने नहीं दे रहे। सरोज सीएम का ताज छिनने आतुर है तो अजीत जोगी भी राजनांदगांव तक घुस आए हैं। 14 साल में जिस-जिस का बनाया वो भुलाने में लगे हैं तो जिनका छूट गया वो पानी पी-पीकर कोस रहे हैं। अब कैसे समझाऊं, धान का बोनस और शिक्षा यदि जरूरी है तो बजट जुटाने शराब बेचना भी तो हमारी मजबूरी है। चौदह साल सीएम रहकर भी लगता है कि राजनीति नहीं सीख पाया हूं, इसलिए दूसरों पर नहीं अपने आप पर ही तिलमिलाया हूं। मिशन 2018 में सीएम पद बच जाए आप भी ये दुवा करना, चली जाए तो भी कोई गम नहीं बस छत्तीसगढ़ एक्सप्रेसमें कार्यकारी संपादक का पद हमारे लिए बचाए रखना।
एक भूपेश ही तो है जो सबसे हंसकर गले मिला है
हम सीएम से बतिया ही रहे थे कि भूपेश बघेल चिल्लाए संपादक महोदय इधर तो आइए, हम भी आपके मेहमान हैं थोड़ा हमारे साथ भी हंसिए, बतियाइए। हमने पूछा बघेल जी कमल तो उनके पास है पर चेहरा आपका खिला है, क्या किसी खजाने की चाबी आपको मिला है। भूपेश ने कहा मिला नहीं है ठाकुर साहब मिलने वाला है, चौदह साल का वनवास अब समाप्त होने वाला है। जनता में कांग्रेस को लेकर उत्साह है तो राहुल का पंजा मेरे साथ है। जनहितैषी भाजपा सरकार को जनता सबक सिखाएगी और कांग्रेस के सत्ता में आने पर पार्टी सीएम का ताज मेरे सिर पर पहनाएगी। जोगी रूपी कांटा पार्टी से निकल गया है और जो पार्टी में है उन सबसे मेरी यारी है, सिंहदेव, महंत तो अपने है, चूं-चा करे भी तो उन पर हम भारी हैं। इसलिए तो मेरा चेहरा खिला है, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेसकी होली पार्टी में एक भूपेश बघेल ही तो है जो सबसे हंसकर गले मिला है।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को शासन का मुखपत्र बनाऊंगा
भूपेश से मिलकर हम अजीत जोगी के पास पंहुचे और धीरे से कहा लगता है पार्टी को लेकर अभी भी घर में जंग जारी है, आपके गुलाबी रंग पर रेणु भाभी का पंजा भारी है। जोगी ने कहा ठाकुर धीरे कहो, हम तुमसे क्या छिपायेंगे, अपनी हर मजबूरी तुम्हें आज बताऐंगे। कांग्रेस में थे तो राहुल नहीं सुनते थे, अपनी खुद की पार्टी बना ली तो रेणु नहीं सुनती है। युवा अमित अपनी अलग खिचड़ी पकाता है, उत्साह में ना जाने क्या क्या कह जाता है। हमारी चले तो हम राजनांदगांव में रमन को हरा दें पर डर लगता है हमारा पैतरा अजमा कोई हमें ही न निपटा दे। किसान घर का हूं जमकर मेहनत करता हूं, अपनी पर उतर आया तो किसी के बाप से नहीं डरता हूं। घर की डाक्टरनी के आगे भले ही हम ढेर हैं लेकिन जनता की नजरों में आज भी सवा शेर हैं, जनता के आशिर्वाद से नया इतिहास बनायेंगे, देख लेना 2018 में सरकार हम ही बनायेंगे। हमको सीएम बन जाने दो हम अपना फर्ज निभायेंगे, सीएम बन गए तो छत्तीसगढ़ एक्सप्रेसको शासन का मुखपत्र बनायेंगे।
हम तो चरण अलबेले हैं
जोगी से छूटे तो बड़े दाऊ ने दी आवाज, कहा ठाकुर थोड़ी हमारी भी सुन लो हमारा घर ही है तुम्हारे घर के सबसे पास। हमने कहा महंत जी आप तो थोड़ा मुस्कुराइए, गले मिलिए और चेहरे पर गुलाल लगाइए। डा. महंत ने कहा हमारी मुस्कुराहट तो पिछले चुनाव में जनता के रूख देखकर ही झड़ गए, अब भूपेश को देखो हमारे जिले में ही हमसे पहले पदयात्रा कर गए। हम अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्गी सरकार में नंबर दो पर रहे इसलिए वरिष्ठता में हम सब पर भारी है, सीएम बनने विधानसभा चुनाव लडऩे की अपनी पूरी तैयारी है। भूपेश अब राजनीति सिखने लगा है, राहुल पर हमारा असर दिखने लगा है। इस बार की होली फिर से खुशहाली लेकर आई है तभी तो पार्टी में राहुल जी ने हमारी कद बढ़ाई है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस तो हमारे जिले का है हमारा प्यार है, सत्ता में आने दो सबसे कह देंगे यही तो हमारा यार है। हर खुशी साथ में बांटी हमने हर गम साथ में झेले हैं, जनता के दिलों में राज हमारा हम तो चरण अलबेले हैं।