जैजैपुर में बीजेपी का गणित बिगाड़ न दे बागी !
राजेश सिंह क्षत्रीजांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
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Sonsay Dewangan |
किसी भी उपचुनाव में सत्ताधारी दल की प्रतिष्ठा सर्वाधिक दांव पर लगी रहती है वहीं जब केन्द्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार हो तब तो ऐसी स्थिति में छोटे से चुनाव में मिली हार को भी राजनीतिक विश£ेषक सहित जनता उस पार्टी के गिरते जनाधार के रूप में देखती है यही वजह है कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के उपचुनाव को भी भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्र बना लेती है। नगर पालिका सारंगढ़ का चुनाव इसका उदाहरण हैं जहां पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने हर जतन किए ऐसी स्थिति में नगर पंचायत जैजैपुर में चल रहा उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठा का विषय है यही वजह है कि पार्टी ने पड़ोसी जिले से लाकर यहां अपने रणनीतिकार बिठा दिए हैं। नामांकन के समय ही पार्टी ने जैजैपुर क्षेत्र के निर्मल सिन्हा, कैलाश साहू के साथ-साथ सक्ती विधायक खिलावन साहू,
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Hira Sahu |
विपक्ष के पास खोने को कुछ भी नहीं
विपक्षी दल कांग्रेस केन्द्र और राज्य में सत्ता से बाहर तो है ही, विधानसभा, लोकसभा और जनपद में भी जैजैपुर क्षेत्र में उसका प्रतिनिधित्व नहीं है वहीं कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी का गठन करने वाले अजीत जोगी के लिए भी अभी खोने के लिए कुछ भी नहीं है ऐसी स्थिति में जैजैपुर की हार का उनपर जरा सा भी असर नहीं होने वाला है वहीं जैजैपुर की जीत उनकेे लिए बोनस का काम करेगी वहीं विधायक होने के बाद भी बसपा ने नगर पंचायत में अपने प्रत्याशी नहीं उतारकर पहले से ही अपनी दूरी बना ली है।
भारी पड़ सकती है साहू-चन्द्रा समाज के मतदाताओं की दूरी
कभी भाजपा के पाले में माने जाने वाले चन्द्रा समाज के मतदाता आठ साल पूर्व बलराम चन्द्रा के भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद से ही कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की ओर अपना रूख कर चुके हैं तो वहीं इससे पहले के चुनावों में अध्यक्ष प्रत्याशी साहू समाज का होने की वजह से पार्टी से जुड़े रहने वाले साहू
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Harnarayan Yadav |
बहुत कठिन है जैजैपुर की डगर
सारंगढ़ के रण को जीतने के लिए पार्टी को अपने मुख्यमंत्री को चुनावी मैदान में उतारना पड़ गया था कमोवेश वही स्थिति भाजपा की नगर पंचायत जैजैपुर में भी बनते दिख रही है। भाजपा की हार अथवा जीत हीरा साहू के गिलास और हरनारायण यादव के बस पर पडऩे वाले वोटों पर निर्भर होते नजर आ रही है। बस और गिलास को यदि ज्यादा वोट मिले तो यह भाजपा प्रत्याशी सोनसाय देंवागन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।