जैजैपुर में सिटिंग एमएलए बसपा के फिर भी नहीं उतार सकी प्रत्याशी
राजेश सिंह क्षत्रीजांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
Image may be NSFW. Clik here to view. ![]() |
Nagar Panchayat Jaijaipur |
नगर पंचायत जैजैपुर में चल रहे उपचुनाव में अंतिम मुकाबला किसके-किसके बीच होगा तथा मुकाबले में कुल कितने उम्मीद्वार बचेंगे इसका फैसला तो 8 जून को नाम वापसी के बाद उम्मीद्वारों की अंतिम सूची जारी किए जाने के बाद ही पता चलेगा लेकिन उससे पहले यह साफ हो चुका है कि इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी चुनावी मैदान में नहीं होगी क्योंकि नामांकन के अंतिम दिन सोमवार तक जिन 09 उम्मीद्वारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था उसमें बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी शामिल नहीं था। जैजैपुर में बसपा उम्मीद्वार का चुनाव मैदान मेें नहीं होना इसलिए भी ज्यादा चौंकाता है क्योंकि छत्तीसगढ़ में बसपा के एकमात्र विधायक केशव चन्द्रा का यह निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में सबसे बडा सवाल यही है कि उपचुनाव से पहले ही बसपा ने यहां से हथियार क्यों डाल दिए। चुनाव से पहले ही बसपा द्वारा जैजैपुर में हार मान जाना बसपा के समर्थकों को भी निराश कर रहा है क्योंकि बहुजन समाज पार्टी के वोटरों की संख्या यहां अच्छी खासी है। वर्तमान में केशव चन्द्रा यहां से स्वयं विधायक हैं वहीं इससे पहले के विधानसभा चुनाव मेें जब कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास यहां से विधायक थे तो वे दूसरे नंबर पर रहे। जैजैपुर विधानसभा के अस्तित्व में आने से पहले जब यह क्षेत्र मालखरौदा विधानसभा में समाहित था उस दौरान भी लालसाय खूंटे ने बसपा की टिकट पर मालखरौदा विधानसभा से जीत दर्ज की थी। जातिगत समीकरण इसलिए केशव चन्द्रा के साथ था क्योंकि अब तक जैजैपुर नगर पंचायत में जनता चन्द्रा समाज के प्रत्याशी को ही अध्यक्ष चुनते रही है। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी द्वारा प्रत्याशी नहीं खड़े किया जाना आश्चर्य का विषय है क्योंकि नगर पंचायत में हो रहे उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़ा कर बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर से इस क्षेत्र में अपने मजबूत जनाधार होने का अहसास करा सकती थी।
हार के साथ चन्द्रा समाज के मतदाताओं के छिंटकने का था डर
छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक होने के बाद भी केशव चन्द्रा ने विधानसभा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है ऐसी स्थिति में अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में बसपा द्वारा प्रत्याशी नहीं खड़े किया जाना साफ तौर पर इशारा करता है कि क्षेत्रीय विधायक को यहां से बसपा प्रत्याशी के हारने का डर सताने लगा था। बसपा प्रत्याशी की हार उनके स्वयं की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर सकती है ऐसी स्थिति में बसपा का चुनाव मैदान में नहीं उतरना ही उन्हें श्रेयस्कर प्रतीत जान पड़ता है। दूसरी स्थिति जिस चन्द्रा समाज का वो प्रतिनिधित्व करते हैं उनके मतदाताओं के भी उससे दूर छिटकने का भय रहा। जैजैपुर विधानसभा में इस समाज के वोट तो निर्णायक है ही नगर पंचायत क्षेत्र में भी इनकी यही स्थिति है जिसका आभास इससे पहले हुए दोनों चुनावों में चन्द्रा समाज के प्रत्याशी के सिर पर ही अध्यक्ष पद का ताज सजने से होता है जबकि दोनों ही तब पार्टी से हटकर चुनाव मैदान में उतरे थे। ग्राम पंचायत जैजैपुर को जब नगर पंचायत बनाया गया तब ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि की हैसियत से केदार खाण्डे यहां के सरपंच हुआ करते थे जो नगर पंचायत जैजैपुर के प्रथम अध्यक्ष माने गए। पहली बार जब नगर पंचायत का अध्यक्ष चुनने की जनता की बारी आई तब जनपद अध्यक्ष बलराम चन्द्रा ने अपनी पत्नी टंकेश्वरी देवी के लिए अपनी तत्कालिन पार्टी भारतीय जनता पार्टी से टिकट की मांग की और भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर अपनी पत्नी को अध्यक्ष सहित बगावत कर सभी वार्डो में निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा कर दिया और शानदार जीत हासिल की। तब अलग-अलग पार्टियों में होने के बाद भी केशव चन्द्रा और बलराम चन्द्रा की जोड़ी जय-वीरू की जोड़ी के रूप में मानी जाती थी, उसके बाद दूसरी बार अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में यहां से महेन्द्र चन्द्रा ने जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव में जब केशव चन्द्रा स्वयं चुनाव मैदान में थे चन्द्रा समाज के लोगों ने पार्टी से परे हटकर उनके पक्ष में मतदान किया था वहीं इस बार उपचुनाव में कांग्रेस ने दिलीप चन्द्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वही महेन्द्र चन्द्रा की पत्नी मीना चन्द्रा जोगी कांग्रेस को अब तक चुनाव चिन्ह आबंटित नहीं होने से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी है। ऐसी स्थिति में बसपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगना केशव चन्द्रा को विधानसभा चुनाव 2018 में भारी पड़ सकता था।
भाजपा कांग्रेस सहित नौ प्रत्याशियों ने किया है नामांकन दाखिल
नगर पंचायत जैजैपुर में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अंतिम तिथि तक सोमवार को 9 अभ्यर्थियों ने नामांकन दाखिल किया। भाजपा के अध्यक्ष प्रत्याशी सोनसाय देवांगन ने पार्टी के चुनाव प्रभारी भाजपा के प्रदेश महामंत्री गिरधर गुप्ता, संसदीय सचिव अम्बेश जांगड़े, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नारायण चंदेल, जिला भाजपा अध्यक्ष मेघाराम साहू, महामंत्री अमर सुल्तानिया, वरिष्ठ नेता जय शुक्ला, नीलकण्ठ सोनी तथा अन्य कार्यकर्ताओं के साथ तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप चंद्रा ने पार्टी की जिलाध्यक्ष श्रीमती मंजू सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता तथा निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महेन्द्र चंद्रा की पत्नी श्रीमती मीना चंद्रा ने निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से छजकां की सक्ती जिलाध्यक्ष श्रीमती गीताजंलि पटेल, रमेश चंद्रा, डॉक्टर प्रसाद चंद्रा, जयश्री मनोज साहू, अभिषेक स्वर्णकार सहित अन्य कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन भरा। इनके अलावा पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष केदार खाण्डे, हीराप्रसाद साहू, पालेश्वर शर्मा, ध्वजा लाल चंद्रा, महेश चंद्रा ने भी नामांकन भरा। इस तरह अध्यक्ष पद के लिए कुल 9 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है। उल्लेखनीय है कि उपचुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच 6 जून को होगी, जबकि 8 जून का नाम वापसी के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी जिसके बाद ही इस बात का पता पूरी तरह से चल पाएगा कि अंतिम स्थिति में मुख्य मुकाबला नगर पंचायत में किनके-किनके बीच होता है। वर्तमान स्थिति में जैजैपुर में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति जान पड़ रही है जिसमें कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के साथ-साथ जोगी कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीद्वार के रूप में चुनाव मैदान में उतरी मीना चन्द्रा भी उन्हे कड़ी चुनौती देते हुए दिख रही है।
नगर पंचायत जैजैपुर में उपचुनाव है जिसमें सत्तापक्ष का धनबल हावी रहेगा। ऐसी स्थिति में बसपा प्रत्याशी की हार तय थी इसलिए चुनाव में उम्मीद्वार नहीं उतारे गए हैं।
केशव चन्द्रा
विधायक जैजैपुर