मॉ चन्द्रहासिनी मंदिर में नवरात्रि की धूम
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chandrahasini mandir chandrapur ka praweshdwar |
chandrahasini devi chandrapur |
मां चंद्रहासिनी कि उत्पत्ति पौराणिक कथा के अनुसार यह दक्ष के यज्ञ में षिव का निमंत्रण न होने से उनका अपमान जान कर सती ने उस देह को योगबल से त्याग कर दिया और हिमपुत्री पार्वती के रूप मंे षिव पन्ती होने का निक्षय किया समाचार विदित होने पर षिव जी का बड़ा क्षोम और मोह हुआं वे दक्ष यज्ञ को नस्ट करने सती के शवकों लेकर घुमते रहे सम्पूर्ण देवताओं या सर्व देवमय विष्णु ने षिव के मोह की शान्ति एवं साधको कि सिद्धी आदि कल्याण के लिए शव के भिन्न-भिन्न अडगते को भिन्न-भिन्ऩ स्थानों में गिरा दिया प्रत्येक स्थल एक-
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
नदी तीरे निवासिनी, चंन्द्रपुर पीठसिनी।
वराह रूप धारिणी, नमामि चंन्द्रहासिनी।।
चित्रोत्पलोत्तरे तीरे, वाराही प्राच्यवस्थित।
स्वयंभू लिंग मूर्तिष्च, महारूद्र नमोऽस्तुते।।
भारत वर्ष के पुण्य भूमियों विभिन्न मार्गो में यह शक्ति पीठ अवस्थित हैं मानव जीवन में दर्षन से वन से विविध कामनाओं की पूर्ति होती है प्रत्येक अस्तिक भक्त की यह अभीलाषा रहती है की इस शक्ति पीेठों का दर्षन अपने जीवन में एक बार अवस्य करना चाहिए -
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
चुलिका चिन्न्वस्जान्ता, चन्द्रमाः कर्ण कुण्डला।
चन्द्रहासा चारूदाञी, चकोरी चन्द्रहासिनी।।
अः चन्द्रपुष्कारिण्यें नमः कण्ठे।
चित्रोत्पला महानदी तटवर्ती चन्द्रपुर की चन्द्रहासिनी अद्योदंत महारूदो वाराही पंच सागरे यह क्षेत्र पंचसागर जो कि महानदी, माण्डनदी, लातनाला, कोतरीनाला, कटंगपाली नाला सभी के संगम महादेवपाली में होता है यहीं से मां चन्द्रहासिनी मां की इस पंचसागर से पहाड़ों में बना मंदिर बहुत ही रोचक
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
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maa chandrahasini |
का आना-जाना लगा रहता है बड़े हनुमान जी व षिव-पार्वती जी की मुर्ति भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआं है मां के दरबार में लोगों द्वारा
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
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chandrahasini mandir parisar ka vihangam drishya |
शोभादास मानिकपुरी बरमकेला