सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन के अपहरण के बाद नक्सलियों ने अपने 8 साथियों की रिहाई की मांग रखी है ऐसे में हम सबके सामने इस बात की जिज्ञासा होना लाजमी है कि वो 8 नक्सली आखिरकार है कौन जिसकी रिहाई की मांग नक्सलियों ने रखी है और जिसके लिए अपनी जान जोख्मि में डालते हुए उन्होंने एक कलेक्टर का अपहरण करते हुए पूरे आईएसआई बिरादरी की दुश्मनी मोल ले ली है। इन आठ नक्सलियों की रिहाई की मांग नक्सलियों ने की है। मीना चौधरी : उपनाम आइलम्मा कल्लवल्ला उर्फ कविता उर्फ संध्या। निवासी आदिलाबाद, आध्रप्रदेश। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा, भिलाई और रायपुर में काम। रायपुर में जब्त हथियार और विस्फोटक मामले में 22 जनवरी, 2008 में उसे पकड़ा गया था। केएस शातिप्रिया उर्फ मालती : नक्सली लीडर गुड्सा उसेंडी की पत्नी। रायपुर और भिलाई के शहरी नेटवर्क को तैयार करने की थी जिम्मेदारी। सिटी को-आर्डिनेटर थी। सीपीआई माओवादी। 22, जनवरी 2008 को डीडी नगर थाने से पकड़ा गया। असित सेन : नक्सली साहित्य छापने का आरोप, वर्ष 2008 में रायपुर के टिकरापारा में गिरफ्तार। हिम्मतवाड़ा में प्रेस। सजा हो चुकी है। गोपन्ना उर्फ सत्यम रेड्डी : बस्तर में सक्रिय, गरियाबंद जिले के आमागाव से गिरफ्तार, उत्तर बस्तर रीजनल कमेटी ने उसे गरियाबंद जिले में नक्सली पैठ जमाने के लिए भेजा था। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य। मैनपुर डिवीजन का काम देख रहा था। निर्मलक्का उर्फ विजय लक्ष्मी : पश्चिम बस्तर में सक्रिय हार्डकोर नक्सली, क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ की अध्यक्ष थी। वेल्लूर अस्पताल में इलाज करवाकर लौटते वक्त वर्ष 2007 में उसे रायपुर के पचपेड़ी नाका में पकड़ा गया। देवपाल उर्फ चंद्रशेखर रेड्डी : निर्मलक्का उर्फ विजयलक्ष्मी का पति। नक्सलियों की प्रिंटिंग प्रेस का इंचार्ज था। बस में जाते समय निर्मला के साथ पकड़ा गया। कोरसा सन्नी : हार्डकोर नक्सली, दंतेवाड़ा जेल में बंद, मरकाम सन्नी : हार्डकोर नक्सली, दंतेवाड़ा जेल में बंद