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अवसर का भरपूर उपयोग करें |
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किसी जमाने में जब मैं मासिक पत्रिका आधी रात का रिपोर्टर का पत्रकार हुआ करता था मेरी तब कि बातें सहारा समय में रिपोर्टर के काम पर भारी साबित हुआ है वहीं सहारा समय के जांजगीर-चांपा ब्यूरो के रूप में जितने लोग मुझे जानते या पहचानते थे उससे ज्यादा लोग मुझे मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के संपादक के रूप में जानते थे। सहारा समय इलेक्ट्रानिक मीडिया होने की वजह से उसमें किसी भी समाचार में विजुअल और बाइट की बंदिशे होती थी वहीं प्रिंट मीडिया में हम पुख्ता जानकारी के आधार पर समाचार का प्रकाशन कर सकते हैं। जिस समय पंचायत की मुस्कान का वेब पोर्टल हम लोग चला रहे थे उस समय रेल्वे से जुड़ा एक समाचार भारतीय रेल इतिहास की सबसे बड़ी चोरी पंचायत की मुस्कान वेब पोर्टल पर मैंने डाला था तब सहारा समय के हेड आफिस से इस समाचार को बनाने के लिए कहा गया था तब उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि पंचायत की मुस्कान मेरा ही वेब पोर्टल था।
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कहने का आशय यह है कि हम जहां भी रहे वहां अच्छे से कार्य करें। हम अगर अपने काम के प्रति इमानदार रहेंगे तथा पूरी लगन और मेहनत से कार्य करेंगे तो उसका परिणाम जरूर सामने आएगा। सहारा समय से इस्तीफा देकर दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस प्रारंभ करने का हमारा निर्णय भी रिस्क भरा था। इससे पैसे कितने कमाए या कितने गंवाए ये सेकेण्डरी प्रश्न है लेकिन हकीकत यह है कि इससे हमारी पहचान में वृद्धि ही हुई है। इसीलिए आप भी अपने पास आए किसी भी अवसर को अपने दोनों हाथों से लपके। अगर पूरी मेहनत के बाद भी आप उसमें सफल नहीं हो पाए तो कोई बात नहीं आपकी मेहनत आपको बहुत कुछ सीखा जाएगी क्योंकि अनुभव किसी भी कार्य को स्वयं करने पर हासिल होता है, किनारे में बैठा व्यक्ति जब तक पानी में नहीं उतरेगा उसे तैरना नहीं आएगा भले ही किनारे में बैठे-बैठे उसने कितनों को तैरते देखा हो।
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