जांजगीर-चांपा जिले की तीनों लड़कियों ने किया देह व्यापार एवं मानव तस्करी से इंकार
राजेश सिंह क्षत्रीजांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेसबालोद पुलिस जांजगीर-चांपा जिले की जिन तीन लड़कियों को देह व्यापार एवं मानव तस्करी से छुड़ाकर लाने की बातें कर रही है उन लड़कियों का कहना है कि शेरू उनका रिश्तेदार है तथा वो उनके गांव से उन्हें लेकर के गया था, शेरू ने उनके सहित कोरबा जिले की तीनों लड़कियों को खुद पैसे देते हुए घर जाने को कहा जहां से वो दो दिन पहले ही सारनाथ एक्सप्रेस से वापस आ गए थे जहां से जिले की तीन लड़कियों में से एक लड़की अपने घर तो दो अपनी दीदी के घर पंहुच गए थे जहां से उन्हें आज सुबह पुलिस के जवान जिला मुख्यालय ले आए, सीडब्लूसी मेंबर इन्हें मानसिक विकास संस्थान में छोड़ गए हैं जहां उनके परिजनों के पहचान दिखाने और सीडब्लूसी की संतुष्टि के बाद वापस उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
बालोद पुलिस ने रविवार को पे्रस कांफ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़ की 7 लड़कियों के मानव तस्करी के मामले का खुलासा करते हुए देह व्यापार में धकेले जाने की बातें कही थी उसमें कोरबा जिले की तीन तथा जांजगीर-चांपा जिले की तीन लड़कियां भी शामिल थी। बालोद की लड़की कैसे शेरू के चंगुल में फंसी इसका खुलासा बालोद पुलिस के द्वारा किया गया था वहीं जांजगीर-चांपा जिले से शेरू के पास गई तीनों लड़कियों की दास्तान उनसे अलग है। जिले से जो तीन लड़कियां शेरू के पास से वापस लौटी है शेरू उन तीनों का रिश्तेदार है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के संपादक से बात करते हुए उन लड़कियों का कहना है कि रिश्तेदार होने की वजह से शेरू उनके घर पहले से आता जाता रहा है तथा क्षेत्र की एक विशेष जाति की लड़कियां उनके साथ पहले भी जाती रही है।
शेरू रिश्तेदार, उसका ससुराल बिर्रा में
जो तीन लड़कियां शेरू के पास से इलाहाबाद से वापस लौटी है उसमें से एक लड़की जिले के नवागढ़ क्षेत्र की तो दो लड़कियां जैजैपुर-बम्हनीडीह क्षेत्र के एक ही गांव की आपस में रिश्तेदार है तथा दूसरी लड़की पहली लड़की के मामा की बेटी है। जैजैपुर बम्हनीडीह क्षेत्र की जो लड़कियां इलाहाबाद से लौटी है शेरू उनका फूफा है तो वहीं नवागढ़ क्षेत्र से लौटी लड़की का वह मौसा है।
एक कमरे में रहते थे 20-25 लड़कियां
जिले से गई लड़कियांे का कहना है कि सारी लड़कियां उत्तरप्रदेश के बरावं में एक ही घर में रहती थी। लड़कियां अपना खाना खुद बनाती थी। एक ही कमरे में सभी 20 से 25 लड़कियां रहती थी, इन लड़कियांे का कहना था कि वहां उनपर किसी तरह का बंधन नहीं था तथा वो आजादी से उनके साथ थी।
दीवाली-होली के समय गई लड़कियां
जैजैपुर-बम्हनीडीह क्षेत्र से शेरू के साथ गई दोनों लड़कियां दीवाली के समय शेरू के साथ गई थी। नवागढ़ क्षेत्र से उसके साथ गई लड़की होली के समय शेरू के साथ गई। शेरू इनका रिश्तेदार था इसलिए घर वालों ने भी बड़ी ही आसानी से उसे उनके साथ भेज दिया।
शादी-बर्थडे में डांस करती थी
लड़कियों का कहना है कि शेरू वहां उन्हें डांस कराने के लिए लेकर के गया था तथा वो शादी, बर्थडे तथा अन्य उत्सवों में वहां जाकर डांस करती थी। एक आयोजन में तीन से चार लड़कियों को डांस के लिए शेरू भेजता था।
वापसी के लिए शेरू ने दिए पैसे
जिले की तीनों लड़कियां का कहना है कि जाने से पहले उनके घर वालों को शेरू ने कुछ पैसे दिए थे वहीं वापस आने के लिए भी उनके द्वारा तीनों लड़कियांे को एक हजार, चार हजार और सात हजार रूपए देते हुए वापस अपने गांव जाने के लिए कहा गया जिससे कि वो सारनाथ एक्सप्रेस मंे बैठकर कोरबा जिले के अन्य तीन लड़कियों के साथ सभी 6 लड़की दो दिन पहले ही बिलासपुर तक आए। कोरबा जिले की तीनों लड़कियां बहन थी इसलिए वो एक साथ अपने घर के लिए निकल गई वहीं जांजगीर जिले की लड़कियों में से नवागढ़ क्षेत्र की लड़की अपने घर तो जैजैपुर-बम्हनीडीह क्षेत्र की लड़की बम्हनीडीह के पास अपने रिश्तेदार के घर में लौट आई।
पुलिस उन्हें वापस जिला मुख्यालय ले आई
लड़कियों का कहना था कि दो दिन तक घर में रहने के बाद वो जहां पर थी वहां से पुलिस उन्हें वापस आज जिला मुख्यालय जांजगीर ले आई सीडब्लूसी मेंबर सुरेश कुमार जायसवाल उन्हें मानसिक विकास संस्थान के सुपुर्द में छोड़कर चले गए।
दिन भर परेशान होते रहे परिजन
नवागढ़ क्षेत्र की जो लड़की उत्तरप्रदेश से वापस लौटी है उनके संपर्क में छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की टीम दो दिन पहले से ही थी लेकिन चूंकि लड़कियां एकदम गरीब परिवार की है तथा पूरा मामला संवेदनशील है इसलिए हमारे द्वारा पूरी गोपनियता बरती गई। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस जवान उन्हें उनके घर से ले आए तथा लड़कियों से जुड़े पहचान चिन्ह दिखाने के बाद उन्हें ले जाने की बातें कही जिसके बाद दो लड़कियों के परिजन जांजगीर थाने तथा पुलिस कंट्रोल रूम के इर्द गिर्द पूरा दिन भटकते रही जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की टीम से संपर्क किया। परिजनों के हाथ में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दूजराम ज्योति का मोबाईल नंबर था जिससे संपर्क कर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की टीम ने लड़कियों के परिजनों को अपनी बेटियों तक पंहुचाया।
लड़कियां अपने परिवार तक कब पंहुचेगी पता नहीं
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दूजराम ज्योति ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को बताया कि लड़कियों को अभी मानसिक विकास संस्थान के सुपुर्द किया गया है, उन्हें वहां तक सीडब्लूसी मेंबर सुरेश कुमार जायसवाल छोड़कर गए। दूजराम ज्योति ने बताया कि लड़कियों के परिजनों को कहा गया है कि वो लड़कियों के शिक्षा संबंधी प्रमाण पत्र तथा अन्य प्रमाण पत्र दिखाकर अपने साथ ले जाने के लिए उनके परिजनों को कहा गया है। तीनों लड़कियों ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से बातचीत में कभी स्कूल जाने से इंकार किया है तो वहीं लड़की के परिजनों ने बताया कि वो घुमंतू जाति के लोग हैं तथा सुपा, टुकना आदि बनाने के लिए परिवार सहित गांव से कहीं भी निकल जाते हैं, वो लोग स्वयं अभी पन्द्रह दिन तक जिला मुख्यालय के एक समीप के गांव में रूके हुए थे। सबसे बड़ी बात ये है कि जो तीन लड़कियां वापस लौटी है उसमें से एक लड़की के परिजन रोजी रोटी के लिए इसी तरह से कहीं निकले हुए हैं, वो कहां है इसकी जानकारी अन्य दो लड़कियों के परिजनों सहित उस लड़की को भी नही है। अन्य दो परिजनों के द्वारा बताया गया कि उसके संबंध में कोई भी दस्तावेज उनके माता-पिता के पास ही होंगे ऐसे में वह लड़की अपने घर किन परिस्थितियों में कब पंहुचेगी इसका पता किसी को नहीं है।
जिले की पांच लड़की शेरू के पास
नवागढ़ क्षेत्र की लौटी लड़की का कहना है कि उनके गांव की पांच लड़कियां अभी भी शेरू के पास है। उसका कहना है कि पहले भी उसकी बहन शेरू के पास गई थी जो कि वापस लौट आई थी। शेरू के परिवार के बारे में इन लड़कियों का कहना है कि उसके स्वयं के चार बच्चे हैं लेकिन वो अभी छोटे हैं जिसकी वजह से नाच-गाने से दूर हैं।