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शूटिंग रिपोर्ट: देवार गीत, बड़ दूरिहा ले आए हव मालिक

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जुबां पर चढ़ जाने लायक शब्द और झुमने को मजबूर कर देने वाली धुन गीत को लोकप्रिय बना सकती हैराजेश सिंह क्षत्री
कर्मा, सुआ, पंथी, ददरिया, जसगीत आदि पारंपरिक गीतों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में जुटी संस्कृति स्टूडियो नए वर्ष में देवार गीत लेकर आ रही है, रविवार 22 दिसंबर की गाने की शूटिंग जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम कुटराबोड़ में की गई। जुबान पर चढ़ जाने वाले आसान शब्दों और झूमने को मजबूर कर देने वाली धुन के चलते गीत लोगों को पसंद आ सकती है। देवार गीत को नए साल के अवसर पर एक जनवरी 2025 को संस्कृति स्टूडियो में रिलीज किया जाएगा। डीएव्ही पब्लिक स्कूल के बगल वाली गली से होते कच्चे पक्के रास्ते को पार कर जब जय प्रकाश यादव के साथ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की टीम शूटिंग स्थल कुटराबोड़ के ग्रामीण हीरा प्रताप कुर्रे के घर के सामने पंहुची तो शूटिंग की तैयारियां अंतिम चरणों में थी। केमरा और कलाकारों को देखकर आसपास के बच्चे और ग्रामीण अपने अपने घरो से झांकते हुए शूटिंग प्रारंभ होने का इंतजार करते नजर आ रहे थे। देवार गीत में गौटिया की भूमिका निभा रहे जय प्रकाश यादव के साथ मुझे देख गीत के मुख्य अभिनेता, गायक एवं कोरियोग्राफर डॉ. सूरज श्रीवास ने रिपोर्टिंग के साथ साथ मेरे लिए भी देवार गीत में गौटिया के भाई की भूमिका फीट कर डाली तथा गाने के सिचुएशन समझाने लगे। कहानी के अनुसार देवार लोग गांव की गलियों से गुजर रहे होते हैं जिन्हें देख गौटिया का भाई अर्थात मैं और गौटिया का मुख्तियार घांसीराम बंजारे उन्हें रोककर घर के भीतर ले जाते हैं, आज गौटिया का जन्मदिन है ऐसे में देवार गौटिया के जन्मदिन के अवसर पर नाचते गाते हैं जिसके बाद उन्हें रूपए पैसे के साथ साथ चावल आदि देकर विदाई दी जाती है और देवार लोग गौटिया को आशिर्वाद देते हैं। सूरज के कहानी समझाते समझाते एलबम की हीरोइन प्रतिभा कुजूर और चांदनी खरे भी देवारिन की वेषभूषा में तैयार हो आ जाती है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पहनावा लुगरा के साथ छत्तीसगढ़ी गहनों को सिर से लेकर पैर तक लादे और हाथ पैर के साथ साथ शरीर के अन्य हिस्से में भी गोदना बनवाए दोनों कलाकार स्टोरी के अनुसार सिर पर लंबा सा घुंघट डाले हुए है। बहुत सारी भारी गहनों से लदी प्रतिभा मस्ती के मूड में अपने हाथों में पहनी बड़ी बड़ी चांदी की अंगुठियों को घुमाते हुए कहती है अभिनय करते मेरे पास बहुत सारे पैसे आ गए हैं जिससे मैं अपने लिए इतना सारा गहना खरीदी हूं इस पर उन्हें टोंकते हुए किसी की आवाज आती है, देवार लोग नाच नाच कर पैसे मांगते हैं वह अपनी बातों को सुधारते हुए फिर कहती है मांग मांग कर मेरे पास बहुत सारा पैसा आया है जिससे इतना सारा गहना खरीदी हूं। शूटिंग की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है, कलाकार भी अपना अपना ड्रेस पहन तैयार हो चुके हैं ऐसे में गौटिया बने डॉ. जय प्रकाश यादव, डॉ. सूरज श्रीवास के साथ सभी कलाकार कैमरा की विधिवत पूजा कर शूटिंग प्रारंभ करते हैं। पहला शॉट देवार लोगों का गली से गुजरते हुए फिल्माया जाना है, देवार बने डॉ. सूरज श्रीवास, सत कुमार खरे, प्रतिभा कुजूर और चांदनी खरे गली से गुजर रहे हैं। सूरज हाथों में चिकारा लिए हुए है तो वहीं सत कुमार बिना ढोलक गली में पंहुच गए हैं ऐसे में सूरज उन्हें टोंकते हुए कहते हैं ढोलक को तो गले में डाल लो, जिस पर सत कुमार वापस ढोलक लेकर गली में पंहुचते हैं। अभिनय करने के साथ साथ सूरज साथी कलाकारों को अभिनय की बारिकियां भी समझाते जा रहे हैं, कैसे चलना है, कहां से कहां तक चलना है, कहां रूकना है, ऐसे में घूूंघट ओढ़े प्रतिभा कहती है कि उसे तो कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है, शांत चित्त नजर आ रही चांदनी कोरियोग्राफर के निर्देशों का पालन कर रही है। दो रिटेक के बाद उनके आने का शॉट पूरा हो जाता है। देवार गीत की शूटिंग में कुटराबोड़ के ग्रामीण हीरा प्रताप कुर्रे का घर गौंटिया जय प्रकाश यादव का घर है, दूसरे शॉट में मुझे और गौटिया के मुख्तियार घांसीराम बंजारे को बात करते हुए घर से निकलना है, दूसरे रिटेक में यह शॉट भी पूरा हो जाता है। तीसरे शॉट में देवारों के साथ में हमारे संवाद की शूटिंग पूरी होती है जिसमें देवार बताते हैं कि वो देवार हैं नाचते गाते हैं जिस पर गौटिया का जन्मदिन होने की बात कहते हम उन्हें घर के भीतर प्रवेश कराते हैं। उसके बाद अगले शॉट में सभी को घर के भीतर प्रवेश कराया जाता है। एक दो रिटेक के बाद सभी शॉट पूरे होते जा रहे हैं। घर के भीतर गौटिया जय प्रकाश यादव खाट पर बैठे हुए हैं, गले में पड़ी ढेरो मालाए उनके व्यक्तित्व को खास बना रही है। उनके दोनों किनारे पर लगी कुर्सियों में मैं और घांसीराम बंजारे बैठ जाते हैं। पीछे एक अन्य ग्रामीण होरीलाल दिव्य एक अन्य कुर्सी पर बैठे हुए हैं। गौटिया के सामने नाचते गाते देवार पूरे गाने की शूटिंग एक ही लोकेशन पर करते हैं। नाच पसंद आने पर गौटिया बीच बीच में देवारों पर पैसे उड़ाते जा रहा है। गाने के बीच में गौटिया की बहन बनी संगीता दिव्य पानी लेकर आती है, पानी देने के बाद वह भी देवारों के नाच देखते हुए मगन हो पीछे खड़े हो जाती है, वहीं गौटिया को अपनी ओर देखता देख वह फिर चली जाती है। गाना समाप्त होने से पहले देवारों को सूपा में दाल, चांवल, नमक, मिर्ची आदि डाल देने वह एक बार फिर आती है। गाने में मुखड़े से पहले म्यूजिक की शूटिंग आसानी से पूरी हो जाती है, जिसके बाद मुखड़े की शूटिंग शुरू होती है, देवार गीत में स्वर डॉ. सूरज श्रीवास और सुश्री डॉ. लक्ष्मी करियारे की है, डॉ. सूरज श्रीवास के स्वर वाली पंक्तियों को परदे पर डॉ. सूरज श्रीवास के साथ साथ सत कुमार खरे को भी अभिनीत करना है ऐसे में पहली बार के फिल्मांकन में सूरज संतुष्ट नहीं होते तथा सत कुमार को गाने के बोल का हिस्सा समझाने लगते हैं, बड़ दूरिहा ले आए हव मालिक आए हव तोर दुवार, में दुवार को रिपीट करना है, नई मांगौ मैं ह अन्न धन दुकान नइ मांगौ मय रूपिया हजार, में हजार को रिपीट करना है, दू मुठा चाउर मया के दे दे अउ चटनी बर दू ठ पताल, देवार हावंव गीत गावत हव मालिक मया के दे दे जोहार में पताल मांगते हुए थोड़ा कामेडी का पुट लाना है आदि आदि ... इस दौरान दोनों नायिका प्रतिभा कुजुर और चांदनी खरे नाचने की प्रेक्टिस करते रहती है। मुखड़े की शूटिंग के बाद अंतरे की बारी आती है। बाजे चिकारा देवार के भइया गावय गाना झूम झूम, झुमर झुमर नाचे देवारी पइरी बाचे रूम झूम, किसिम किसिम के गोदना गोदाए हे आनि बानी के श्रृंगार, देवार हावव गीत गावत हव मालिक मया के दे दे जोहार दू मुठा चाउर मया के दे दे अउ चटनी बर दू ठ पताल ... एक दो रिटेक के साथ शूटिंग आगे बढ़ती गई और इस तरह एक ही लोकेशन पर पूरे गाने की शूटिंग कम्पलीट कर बेकअप किया गया। श्रृंगार, माधुर्य के साथ कॉमेडी का भी पुटदेवार गीत में श्रृंगार और माधुर्य के साथ साथ दर्शकों को बांधे रखने के लिए बीच बीच में कॉमेडी का भी पुट डाला गया है। एक दृश्य में छत जाने वाली सीढ़ीयों के ऊपर डांस कर रहे सत कुमार गिरने को हो जाते हैं तो वहीं घूंघटे के भीतर रहकर नाचते नाचते नायिकाएं घूंघट उठा गौटिया को देखने की कोशिश करती है। नव वर्ष के पहले दिन होगा रिलीजदेवार गीत बड़ दूरिहा ले आए हव मालिक को नववर्ष के प्रथम दिवस एक जनवरी 2025 की सुबह 6 बजे यूट्यूब चौनल संस्कृति स्टूडियो पर रिलीज किया जाएगा। इसके गीतकार सुश्री डॉ. लक्ष्मी करियारे, संगीतकार रामगोपाल कैवर्त, निर्माता अनुज करियारे, निर्देशक डॉ. जेपी यादव, कैमरामेन कृष्ण कुमार दिव्य, कलाकार डॉ. सूरज श्रीवास, सतकुमार खरे, प्रतिभा कुजूर, चांदनी खरे, डॉ. जय प्रकाश यादव, राजेश सिंह क्षत्री, संगीता दिव्य, घांसीराम बंजारे, होरीलाल दिव्य, मीडिया पार्टनर दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस है। रील और रियल लाइफ दोनों में मनाया गया जन्मदिनएल्बम में गौटिया बने डॉ. जय प्रकाश यादव के जन्मदिन के अवसर पर उनके घर में देवार गीत गाने आते हैं। 22 दिसंबर को जब कुटराबोड़ में देवार गीत की शूटिंग हो रही थी उस दिन रियल लाइफ में भी जय प्रकाश यादव का जन्मदिन था ऐसे में रील लाइफ और रियल लाइफ दोनों में जन्मदिन की खुशियां बांटी गई। शूटिंग लोकेशन की झलकियां
शूटिंग स्थल कुटराबोड़ की गली और घर के आंगन में शूटिंग देखने के लिए बड़ी मात्रा में बच्चे तथा आस पास के ग्रामीण जमा हो गए थे ऐसे में दर्शकों को फ्रेम से बाहर रखने के लिए कैमरामेन कृष्ण कुमार दिव्य को काफी मशक्कत करनी पड़ी।शूटिंग के दौरान सूरज श्रीवास तथा सत कुमार खरे के बीच मजाकिया नोक झोंक भी चलते रहा। सूरज ने सत से कहा कि मेरे साथ उतना अच्छा डांस नहीं करते जितना अच्छा हिरोइन के साथ करते हो इस पर सत कुमार ने कहा तोर संग का फिलिंग आही। एलबम की दोनों हीरोइनों के साथ जब सूरज अपने डांस सीन देने लगे तो हल्की सी मजाकिया नाराजगी जाहिर करते हुए सत कुमार ने कहा दूनो हीरोइन करा तही नाचबे त मैं जात हव और वो जाने की एक्टिंग करने लगे जिसके बाद सूरज उसे हीरोइन करा तहूं ल नचवाहूं बोल वापस लाए।सत कुमार के कद के हिसाब से ढोलक भारी हो जा रहा था जिस पर शूटिंग के तुरंत बाद वो ढोलक को उतार कर रख देते थे। नायिकाओं में प्रतिभा कुजूर शुरूआत से ही चंचल नजर आई तो वहीं नई नवेली चांदनी खरे शूटिंग आगे बढऩे के साथ साथ खुलते हुए नजर आई।गीत के बड़े हिस्से में दोनों नायिकाएं प्रतिभा कुजूर और चांदनी खरे घुंघट ओढ़े हुए ही अभिनय एवं डांस करते नजर आई वहीं गौटिया के द्वारा उनका घूंघट उठाने के लिए इशारा करने के बाद आखिर के हिस्से में उनका चेहरा नजर आया। लक्ष्मी करियारे की आवाज वाले आखरी अंतरे हाय रे हाय रे हमर करमा ददरिया ... पर शुरूआत में दोनों नायिकाएं लिप्सिंग करने वाली थी लेकिन प्रतिभा के खुलकर अभिनय करने के चलते अंत में अकेले प्रतिभा ने ही इस अंतरे को कम्पलीट किया।

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