शराबबंदी होगा विधानसभा चुनाव का ब्रम्हास्त्र, पार्टी और नेता होंगे मालामाल
होली में मदमस्त रिपोर्टर/छत्तीसगढ़ एक्सप्रेससरकार के शराब बेचने के निर्णय पर राज्य भर में सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल तथा पार्टी के भीतर ही प्रारंभ हो रहे विरोध को देखते हुए डा. रमन सिंह ने पार्टी कार्यालय में पार्टी विधायकों और संगठन से जुड़े प्रमुख नेताओं की बैठक में सरकार के इस निर्णय के फायदे गिनाए वहीं पार्टी नेताओं को बताया कि मिशन 2017 में पूर्ण शराबबंदी ब्रम्हास्त्र होगा। यह पूरी बैठक अति गोपनीय तरीके से आयोजित की गई।
अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सरकार के शराब बेचने के निर्णय का विरोध कर रहे नेताओं को पार्टी कार्यालय में बंद कमरे में समझाते हुए डा. रमन सिंह ने बताया कि राज्य की स्थिति पहले ही खराब है जिसकी वजह से किसानों को धान का बोनस नहीं दिया जा रहा है वहीं राज्य में लगातार सत्ता में रहने की वजह से इसका ठिकरा भी विपक्ष के सिर पर नहीं फोड़ा जा सकता वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के निर्णय के बाद पार्टी नेताओं का भी बुरा हाल है ऐसी स्थिति में पार्टी और नेताओं के समक्ष आगामी चुनाव में फंड की दिक्कत पैदा हो सकती थी जिसे देखते हुए इस वर्ष सरकार के द्वारा शराब बेचने का निर्णय लिया गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गठित कमिटियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य परिवहन निगम की तर्ज पर सरकार के शराब बेचने के निर्णय को घाटे का सौदा बता दिया जाएगा तथा इसे भंग करते हुए पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी जाएगी। तब तक पार्टी और नेताओं के पास शराब बेचने से पर्याप्त मात्रा में फंड इक_ा हो चुका होगा वहीं चुनावोंं का परिणाम अपने पक्ष में करने में अहम भूमिका निभाने वाला शराब सिर्फ उनकी ही पार्टी के नेताओं के पास जनता को बांटने के लिए उपलब्ध होगा। ऐसी स्थिति में पूर्ण शराबबंदी के ब्रम्हास्त्र तथा बेहतर संसाधन की वजह से चौथी बार प्रदेश में कमल खिलाने से कोई भी नहीं रोक पाएगा। सीएम की समझाइश के बाद सत्ता और संगठन दोनों सरकार के शराब बेचने के निर्णय के साथ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं।