
मुझकोभीपताहैकिजीनतहोतुम।
परयारतुमभावखातीबहुतहो।।
समझतामैंतुमकोखामोशीकीमूरत।
परतुमजराइतरातीबहुतहो।।
भावनामेंनबहजाऊंडरताहूं‘‘राज’’।
नाज-ओ-अदातुमदिखातीबहुतहो।।
समझनेनदेतीजराभीतुमखुदको।
मनातीतोहोपरसतातीबहुतहो।।
मैंचाहताहूंतुममेरीहीबनना।
परतुमजरादेरलगातीबहुतहो।।
दिलकीहैख्वाहिशतुमसेबातेंकरना।
परतुमनखरेदिखातीबहुतहो।।
कहतीहोतुमकोनदेखाकरूंमैं।
परसपनोंमेंतुमआतीबहुतहो।।
तूंहीबतादेहैतेरीक्यामर्जी।
रातोंकोनींदोंसेजगातीबहुतहो।।
कहनाचाहतीहोतुमदिलसेकुछऔर।
परलहज़ोंमेंऔरकहजातीबहुतहो।।
फिरभीतुमलगतीहोसबसेहीप्यारी।
भलेहीमुझकोतड़पातीबहुतहो।।