जांजगीर चांपा के हृदयस्थल चंदनिया पारा डबरीपार जांजगीर में पीपल वृक्ष के नीचे मां मड़वारानीविराजमान है। कुछ वर्षो पूर्व पीपल वृक्ष के नीचे खुले में विराजमान मातारानी का आशियाना आज एक छोटा सा मंदिर हो चुका है वहीं इस नवरात्रि में उसके ठीक बगल में ज्योतिकक्ष भी बनकर तैयार हो गया है जहां शुक्रवार से भक्तों के द्वारा मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। मां मड़वारानीसच्चे दिल से मांगी हर विनती पूरी करती है।
स़च्चे मन से मा मंड़वारानीके दरबार में सिर झंुकाने वाले सभी लोग इसकी महिमा से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। मातारानी से काफी करीब से जु़ड़े होने की वजह से जिंदगी के हर मोड़ पर मैंने स्वयं मां मड़वारानी की शक्ति का अहसास किया है। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के घर जन्म लेने से लेकर दैनिक समाचार पत्र के संपादक होने तक मेरे जीवन में बहुत सारी कठिनाईयां, ढेरों चुनौतियां आई। जांजगीर के डबरीपारा में विराजमान मां मड़वारानी के दरबार में माथा टेकते हुए सच्चे मन से मैनंे अपनी हर छोटी-बड़ी परेशानियों को मां मड़वारानी के हवाले कर दिया। मातारानी ने भी कभी मुझे निराश नहीं किया और वो भी सच्चे दिल से मांगी मेरी हर विनती को कबूल करते गई। साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद भी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कानका लगातार पांच वर्ष से प्रकाशन और सितंबर 2015 से बारह पृष्ठीय दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के प्रकाशन की मूल ताकत मेरे इष्टदेव दूल्हादेव, मेरे ग्राम की चण्डीदेवी और जांजगीर के मड़वारानीकी कृपा रही है। चूंकि मेरा पूरा बचपन मां मड़वारानीके आंचल की छांव में बीता है इसलिए मुश्किल वक्त में जुबान पर आने वाला पहला नाम भी उन्हीं का रहता है।
जब पहली बार हुआ मां की शक्ति का अहसास
मेरे घर परिवार सहित डबरीपारा जांजगीर में रहने वाले लोगों के हर शुभ काम की शुरूवात मातारानी के पूजा अर्चना और आशिर्वाद से ही होती है जिससे काम निर्विध्न संपन्न होते हैं। बचपन में हर साल डबरीपारा में हम लोग मटका फोड़ का आयोजन करते थे। टोली में उपस्थिति साथियों की मस्ती, उत्साह में मोहल्लेवासियों के द्वारा पानी डालने से ऊपर चैथे-पांचवे ग्रुप में मौजूद लोगों के गिरने और चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता था। ऐसे ही एक वर्ष जब टोली भरभराकर गिरी तो सबसे ऊपर मौजूद दोनों साथी योगेश यादव और विकास साव बेहोश हो गए। आनन फानन में कुछ लोग योगेश को मातारानी के पास लेकर आए वहीं कुछ लोग विकास को सीधे हास्पिटल लेकर चले गए। मातारानी के पास लेटते ही योगेश तुरंत उठकर खड़ा हो गया जैसे उसे कुछ हुआ ही नहीं हो वहीं हास्पिटल में तमाम कोशिशों के बाद भी किसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करने पर डा. यू.सी. शर्मा ने उसे यह कहते हुए बिलासपुर रेफर कर दिया कि सिर में अंदरूनी चोट लगने की वजह से वह कोमा में चला गया है। तब मित्रगण जहां विकास को बिलासपुर ले जाने के लिए गाड़ी की तलाश में जुट गए वहीं एक मित्र के साथ वापस मंदिर आकर हमने मां मड़वारानीके दरबार में माथा टेका। हमारे वापस हास्पिटल पंहुचते तक विकास पूरी तरह से होश में आ चुका था ।
पूजा के बाद चालू हो गया मिक्सर मशीन
मालती देवी रात्रे जब पहली बार नगर पालिका परिषद नैला जांजगीर की अध्यक्ष बनी तब उपाध्यक्ष ब्यास कश्यप और वार्ड पार्षद नानू देवी यादव थे। तब पहली बार मोहल्ले में सीसी रोड की स्वीकृति हुई और नैला सिवनी के मजदूर मिक्सर मशीन लेकर सीसी रोड बनाने के लिए पंहुचे। कार्य के पहले दिन एक घंटे की कोशिश के बाद भी मिक्सर मशीन प्रारंभ नहीं हो पाया तब किसी ने मजाक में कहा कि मातारानी के दरबार में उनकी अनुमति के बिना कैसे कार्य प्रारंभ करोगे जिस पर मिक्सर मशीन चलाने वाले ने अगरबत्ती मंगाकर मातारानी की पूजा की उसके बाद वाकई मिक्सर मशीन प्रारंभ हो गया। दूसरे दिन फिर जब वो काम पर पंहुचे तो आधे घंटे तक मिक्सर मशीन को चालू करने की असफल कोशिश करते रहे इतने में एक मजदूर ने याद दिलाया कि कल तो माता रानी की पूजा करने के बाद ही मिक्सर मशीन प्रारंभ हुआ था आज पूजा किए या नहीं, फिर माता रानी की पूजा की गई और पूजा होते ही मिक्सर मशीन प्रारंभ हो गया। उसके बाद जितने दिन भी मजदूर आए मां मड़वारानीकी पूजा के बाद ही काम प्रारंभ करते।
जब चोर ने कबूल की चोरी
एक बारमां मड़वारानीका चांदी का मुकुट चोरी हो गया तब हम सभी दोस्त बेरोजगार थे वहीं कोई भी दोस्त आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि चांदी का मुकुट ले सके इसलिए सभी दोस्त आपस में थोड़े-थोड़े पैसे जुटाकर दूसरा मुकुट खरीद लाए। एक सुबह मां मड़वारानी के पास मौजूद शिवलिंग भी कहीं चली गई। तब वहां दूसरा शिवलिंग भी लाया गया, इसी बीच आश्चर्यजनक रूप से पहली शिवलिंग डबरी की पचरी में मिल गया। इस घटना के कुछ माह बाद मेरे पास आकर एक युवक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। मुझे ही ये बातें क्यों बता रहे हो पूछने पर उसने कहा कि वही जानता है कि घटना के बाद से वह कितनी तकलीफ में है। उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई फोड़े हो गए हैं जिसकी वजह से वह न तो कहीं बैठ पा रहा है और न ही चैन से सो पा रहा है चूंकि मंदिर में तब कोई पुजारी नहीं रहता था और उसकी पूजा आदि हम लोग ही करते थे इसलिए उसने मेरे सामने अपना जुर्म कबूलते हुए माता रानी से अपने किए के लिए माफी मांगी।
और एक सप्ताह बाद वापस मिल गया मोबाईल
एक वर्ष जब हम सभी मित्र मां मड़वारानी मंदिर में नवरात्रि की तैयारियों मे लगे थे नवरात्रि के पहले दिन हमारे घर का मोबाईल कहीं गायब हो गया। घरवालों और मित्रों ने सिम का दुरूपयोग रोकने थाने में जाकर सूचना देने और सिम को बंद कराने के लिए कहा जिस पर मैंने मातारानी पर विश्वास करते हुए दृढ़तापूर्वक कहा कि नवरात्रि के पहले दिन मातारानी की सेवा में जुटे रहने के समय यदि मोबाईल गायब हुआ है तो वह नवरात्रि की समाप्ति के पूर्व मिल भी जाएगा। सप्तमी की रात जब हम मातारानी के दरबार में बैठे हुए थे मुझे अहसास हुआ मानो उस मोबाईल से कोई उस वक्त बात कर रहा है। दोस्तों ने हंसी मजाक करते जब मेरे नंबर पर काल किया तो वह व्यस्त मिला। हंसी मजाक करते उस वक्त वहां मौजूद सालिक यादव, पंकज यादव, शिवम कटकवार आदि अपने साथियों का नंबर डायल कर जांचने लगे कि उनके परिचितों में और किसका मोबाईल बिजी है। उनके एक साथी का नंबर व्यस्त मिलने पर थोड़ी देर में उसके आने पर दोस्तों ने सीधे उनसे मोबाईल की मांग कर दी जबकि वह युवक ऐसी गतिविधियों से हमेशा दूर ही रहता था। सीधे मोबाईल मांगे जाने से हड़बड़ाए युवक ने अपने एक अन्य साथी के द्वारा दिए गए सिम से बात करना स्वीकार कर लिया। इस तरह नवरात्रि के पहले दिन गुमा मोबाईल सप्तमी की रात मिल गया।