चले गए हे युग परिवर्तक, भारत मां के अमर पुत्र तुम नयनों में आंसू है मां के, कहां गए हे अमर रत्न तुम भारत रत्न तुम्हीं थे सच्चे, मां की बगिया के रखवाले आज उजड़ सा गया देश है, सुने मस्जिद और शिवाले युग युग तक धड़कोगे दिल में, बनकर उर्जा अति ललाम तुम नयन तुम्हें शत बार हमारा, सबके प्यारे थे कलाम तुम