कहानीकार: राजेश सिंह क्षत्री
"आऊ काखर जनमदिन हे ...?"
रतिहा बारा बजे ले ठीक पहिली नोनी हर अचानक पूछिस त मैं हड़बड़ा गेंव, वाट्सएप के स्टेटस म मैं हर नोनी ल ही जनमदिन के बधाई देत रहेंव, मैं हर सोचे रहेव नोनी के देखे के बाद स्टेटस ल डिलिट मार दूंहू, मैं स्टेटस ल डिलिट मारतेंव तेकर ले पहिली नोनी हर सवाल दाग दिस त एक छिन बर दिमाग हर सून हो गे। ओतके बेर हरसू हर अपन टेबलेट ल धरे अपन दीदी ल पूछत रहिस, "दीदी फेमली ग्रुप म ए लइका के जनमदिन के बधाई महूं हर भेज देववं का ?"मैं हड़बड़ा के फेमली ग्रुप ल देखेंव, एक झी नानकन नोनी ल जनमदिन के जमो झन बधाई देत रहिस, मोर जान म जान आइस।
" दू साल के नोनी ए, ओखरे जनमदिन आय,"मैं हर ओ ग्रुप के फोटो खींच नोनी के म डार देहेंव। नोनी के जनमदिन ले अनजान बनत मैं हर पूछेंव, "आउ काखरो जनमदिन हावय का ...?"
नोनी हर एक आखर म जवाब दिस, "नहीं।"महूं हर आउ कछु पूछे के हिम्मत नइ करेंव।
नोनी तीर जान पहिचान तो पहिली के रहिस फेर गोठ-बात हर नवा-नवा चालू होय रहिस हे। मोर अउ मोर सुवारी दूनों के मोबाइल म एके ठन जीमेल डलाय रहिस हे, तेकर फायदा अउ नुकसान ए रहिस हे के एक झन के म कोनो मोबाइल नंबर सेव करय त दूनो के म हो जाय, एक म ले कोनों के नंबर ल डिलीट मारते त दूनो ले ओ नंबर हर गायब हो जाय। मोर सुवारी हर अपन मोबाइल म नोनी के नंबर ल सेव करिस त ओ हर मोरो म दिखे लागिस, मोर वाट्सएप म नोनी के नाव भर दिखय, फोटो नही तेकर सेती समझ म नइ आत रहिस के ओ हर कोन ए। एक दिन अचानक बाल्टी भर पानी ल उठात उठात मोर कनिहा के नस हर तीरा गे। कनिहा पीरा म मैं हर कलबला गेंव, मैं न उठ सकेंव न बइठ सकेंव, अच्छा खासा मनखे के हालत कुकुर बिलइ बरोबर होगे। सोझ ठाढ होय के कोसिस करवं त कनिहा हर अतका जोर ले पिरावय के आंखी ले आंसू निकल जावय। बुता-काम ल छोड़ के मजबूरन मोला खटिया धरे बर पर गे।
खटिया म सूते सूते मोबाइल ल कोचकत रहेंव के मोला मोर मोबाइल म नोनी के नाव दिखिस, मय हर ओला गुड मार्निंग डारेंव त ओ हर मोर तीर मोर नाव पूछिस। मय हर मोर नाव बताएव ओ हर अपन नाव बताइस। मुरसरिया तीर रखाय मोर सुवारी के मोबाइल ल देखेंव त ओमा वाट्सएप म नोनी के फोटो दिखत रहिस। मय हर नोनी ल कहेंव, "का जादू जानथस नोनी, मोर सुवारी के मोबाइल म तोर फोटो दिखत हावय, मोर म नी दिखत हे।"मोर अतका कहना रहिस के नोनी के फोटो मोरो मोबाइल म दिखे लागिस। नोनी तीर गोठियात कनिहा पीरा के पता नइ चलत रहिस हे। जइसे मय हर गोठ बात बंद करेंव पीरा हर फेर बाढ़ गे।
मय हर फेर मोबाइल ल धर लेहेंव, दू चार झन के डीपी देखत मोर धियान हर नोनी के फोटो म अटक गे। मय हर पहिली बखत नोनी ल धियान से देखेंव। खुल्ला बाल, फूले फूले गाल नोनी हर भारी सुघ्घर दिखत रहिस हे। मैं नोनी के फोटो ल एकटक निहारे लगेंव। मैं हर ओला जतका देखवं ओ हर ओतके सुघ्घर लागय। मैं हर जब तक फोटो ल निहारंव कनिहा पीरा के पता नइ चलय अउ जइसे ही मोबाइल ल तीर म रखतेवं कनिहा पीरा म आंसू निकल जावय। नोनी के फोटो ल देखत मझनिहा ले संझा अउ संझा ले रतिहा हो गे। ऊपरवाला हर नोनी के रूप म मोर कनिहा पीरा के दवाई भेज देहे रहिस हे। रतिहा जमो झन के नींद भन्नाए रहय, अउ मैं हर कनिहा पीरा म एती ले ओती कलथी मारत रहवं। मैं हर फेर मोबाइल ल धर नोनी के फोटो ल निहारे लगेंव। नोनी ल निहारत अचानक कल्पना करे लागेंव के नोनी हर तीर म रहितीस त कतका मजा आतिस, मय हर नोनी ल बड़ मया करतेंव, रात भर ओखर अंगठी ल धर ओला अपन मन के हाल सुनात रहितेवं, मय हर अइसन सोचते रहेव के नोनी हर आनलाइन दिखे लागिस। अइसन लागिस ऊपरवाला हर मोर सुन लिस। एती मन नोनी तीर गोठियाय के होत रहय, फेर सीधा सीधा गोठियाय के हिम्मत मोर म नइ रहय। आधा रात नोनी तीर का गोठियातेंव समझ नइ आत रहय। मोला लगिस अतका रात आउ कोनो तो जागत नइ होही, मय हर अपन मन के बिचार ल लिख स्टेटस म डारे अउ डिलीट मारे लागेंव। मन तो पूरा पूरा नोनी के रूप म भुलाय रहिस, का लिखेंव का पढ़ेंव खुदे ल होस नइ रहिस। दूसर दिन सुत के उठेंव त कनिहा पीरा थोरकिन कम हो गे रहय। मय हर मोबाइल चालू करेंव, मन होइस एक पइत नोनी ल देख लेहे रहितेंव, नोनी के वाट्सएप के डीपी म फेर फोटो नइ दिखत रहय। सायद नोनी ल समझ आ गे रहय के मय हर रतिहा ओखरे तीर गोठियात रहेंव, सायद मोर कोनो गोठ हर ओला अच्छा नइ लागे रहय। मय हर हिम्मत कर नोनी ल लिखेंव, "फोटो म तो फेर जादू हो गे नोनी, थोरिकन जादू महूं ल सिखा देहे रहिते।"नोनी डहर ले कोनो जवाब नइ मिलिस।
कनिहा पीरा ठीक होइस त महूं हर अपन काम बुता म भुला गेेंव, ए बीच बिहनिहा सुत उठ के अउ रतिहा सुते के बेर नोनी के डीपी म ओकर फोटो ल खोजे के कोशिश करतेंव लेकिन नोनी नजर नइ आत रहिस। ए बीच सरदी हर गढ़ाय लागिस त जर घलो आ गे। दिन भर बुता काम म घर ले बाहिर रहइया मनखे एक बखत फेर खटिया ल धर लिस। एति मोला बुखार आइस ओती डीपी म फेर नोनी दिखे लागिस। अइसे लागिस के भगवान हर नोनी के फोटो ल देखे बर ही खटिया ल धरा दे हे। बुखार म तपत सरीर ल नोनी के फोटो देखे ले बड़ आराम मिलय। तभे मोला सुरता आइस कालि तो नोनी के जनमदिन आय। टाइम देखेंव त रतिहा बारा बजइया रहय, मय हर सोचेंव नोनी ल सबले पहिली मय हर जनमदिन के बधाई दे देथंव, सीधा सीधा मेसेज भेज बधाई देहे म डर लागत रहय तेकर सेती मय हर अपन स्टेटस म लिख नोनी ल बधाई भेज देहेंव। जेन ल पढ़ नोनी हर तुरंत पूछ दिहिस त मैं हड़बड़ा गेंव। मैं हर नोनी तीर उल्टा पूछेंव, "आउ कोनो के जनमदिन हे का नोनी,"त ओहू हर मोला नइ कहिस के मोरे तो जनमदिन हे। नोनी के एक ठन नानकन सवाल ल सुन के मोर दिल हर जोर जोर से धड़कना शुरू कर देहे रहिस। नोनी के आउ सवाल सुने के हिम्मत मोर म नइ रहिस।। मैं हर झट के नेट ल बंद करेंव अउ नोनी के फोटो ल निहारे लगेंव।
नोनी के फोटो ल निहारत मन म कइ ठन खयाल दउड़े लागिस। नोनी मोर तीर म दिन भर रहितिस त कतका मजा आतिस, फेर ओ रहितिस त कइसे रहितिस। नोनी अउ मोर मेल तो कोनो डहर ले नइ रहिस। नोनी अपन गोसइया दूनों भारी खुश रहय त महूं हर अपन सुवारी संग भारी प्रसन्न। त अउ का रिश्ता हो सकत हे मोर अउ नोनी के बीच, न तो ओहर दाई ए, न तो बहिनी, न तो सारी ए, न तो भउजी फेर ओला दिन भर देखे के मन काहे होत रहिथे मन ल कछु समझ नइ आत रहय। मन कहय तय हर कछु रूप म मोर तीर आ नोनी, तोर हर रूप, हर रिश्ता हर मोला स्वीकार हे, आउ कछु नही त संगी बन के आ जा, मैं हर महापरसाद जइसे जीयत ले तोर संग दोस्ती निभाए बर तियार हावंव।
नोनी के फोटो ल निहारत कब नींद पर गे समझ नइ आइस। नींद म घलो नोनी हर सपना म बड़ मया करत दिखिस। आंखी खुलिस त बिहनिहा के नौ बजने वाला रहय, मैं हर अभी तक नोनी ल ओकर जनमदिन के सीधा सीधा बधाई नइ देहे रहेवं। मैं हर जल्दी ले मोबाइल उठाएंव अउ ओला जनमदिन के बधाई भेज देहेंव। मोला अभी भी बुखार जादा रहिस तेकर सेती काम बुता तो अइसनहे बंद रहिस, दिन भर मोबाइल म नोनी के फोटो ल निहारत बीत गे। ले देके दू चार दिन आउ बितिस। ए दू चार दिन म मय हर काम बुता करे बर भुला गे रहेंव। बस एके ठन काम नजर आए। सुत उठ के मोबाइल ल धर अउ नोनी के फोटो देखे ल चालू कर त रतिहा नींद आत ले नोनी के फोटो देख, कभू कभू नोनी तीर सीधा गोठिया ले त कभू अपन स्टेटस म अपन दिल के हाल ल लिख डार।
नोनी ले पहिली मैं हर कभू कोनो के मया म नइ परे रहेंव, तेकर सेती मोला अहू नइ समझ आत रहय के नोनी हर मोर गोठ ल समझत हे के नइ समझत हे, नोनी हर घलो मोला मया करथे के नइ करय। नोनी तीर सीधा सीधा पूछे के मोर हिम्मत नइ रहय फेर सपना म नोनी हर बड़ मया करय। मै हर नोनी के डीपी म ओखर फोटो देख बड़ खुश रहेंव के एक दिन नोनी हर अपन संग अपन हीरो के फोटो ल डार दिस।
भगवान हर चुन के नोनी के जोड़ी बनाय रहिस, दूनों एके संग बड़ सुघ्घर दिखत रहय, मय हर डीपी के बड़ाई करेंव, फेर अब नोनी ल देखंव त ओ हर अकेल्ला नइ दिखय। नोनी तीर कोनो आउ के फोटो देख मोर मन ल बड़ तकलीफ होवय। मय हर नोनी ल इसारा म अपन दिल के हाल बताएव फेर सायद नोनी ल समझ नइ आइस। सायद नोनी मोर गोठ ल समझना नइ चाहत रहिस। नोनी अपन दुनिया म बड़ खुश रहिस अउ मै अपन दुनिया म, सायद मोर गोठ ल समझे के कोनो फायदा घलो नइ रहिस। रोज अपन डीपी म नवा नवा फोटो लगवइया नोनी हर ए दारी अपन डीपी म अपन गोसइया संग फोटो डार बदले ल भुला गे। एक दिन... दू दिन... तीन दिन ... मय हर नोनी के अकेल्ला फोटो देखे बर तरस गेंव। मोर मन हर जब जर के पूरा राख हो गिस मय हर इसारा म फेर नोनी ल कहेंव, "नोनी मोर म आउ जरे के हिम्मत नइ हे, मैं हर अब आउ अपन मन के गोठ बता तोला परेसान नइ करव, तय अपन दुनिया म खुश रहि।"अउ मै हर नोनी के नंबर ल अपन मोबाइल ले डिलिट मार देहेंव।
मय हर अपन सुआरी के मोबाइल ले देखेंव त नोनी हर डीपी म अकेल्ला दिखत रहय। मय हर अपन मन ल समझात कहेंव देख नोनी हर घलो तोर बड़ संसो करथे तभे तो तोर कहे म अपन डीपी ल बदल दिहिस, मन म आइस मय हर ओतके बेर अपन मोबाइल ले नोनी ल धन्यवाद भेज देववं। फेर हिम्मत नइ होइस।
संझा मय हर अपन मोबाइल म नोनी के नंबर ल फेर सेव करेंव त ए बखत फेर नोनी हर अपन हीरो दूनो दिखत रहय। नोनी फेर ओ फोटो ल काहे डार दिस मोला समझ नइ आइस, मय हर नोनी ल कहेंव, "तोर संगति म थोरकिन जादू महूं जान गे हाववं नोनी, ए मत सोच के अपन स्टेटस म तोर नाव लिख मय हर पूरा दुनिया म किल्ली पारत हाववं, एला तो बस मय हर लिखथवं अउ तय हर पढ़थस।"
नोनी हर तुरंत लिखिस, "तोर लिखे ह महूं ल दिखथे, मोर नंबर ल हाइड कर दे। "
मय हर नोनी ल ए कहे के हिम्मत नइ जुटा सकेंव के तोर नंबर ल मैं कइसे हाइड कर दवं नोनी, जेन लिखथव तोरेच बर तो लिखथंव। जब तोरे नंबर ल हाइड कर दूंहू त मोर लिखे के का मतलब? अइसे भी नोनी तीर मै मया करथव के नहीं अहि मोला नइ पता, नोनी तीर मैं मया करथंव त जेन नोनी हर अपन हीरो तीर करथे या जेन मैं हर अपन सुवारी तीर करथवं तेन का ए ? जब मोला अपने मया के पता नहीं त नोनी तीर कइसे पूछवं के नोनी तहूं मोर तीर मया करथस न ? पूछ भी दूंहू त नोनी के जवाब अगर नहीं म होही त मोर का होही, जेन मन नोनी संग कोनो आउ के फोटो देख जर जात हे तेन हर नोनी के ना कइसे सुनही, अउ अगर नोनी हां कही दिस त, न तो नोनी अपन उमर भर के संगवारी ल छोड़ सकय अउ न मैं अपन मयारू संगवारी ल। अइसनहे बहुत अकन सवाल मन म उमड़ घुमड़ के आत रहिस हे, सोशल मीडिया म फोटो देख शुरू होय नोनी बर मोर मया हर नोनी के एक थन सोशल मीडिया के शब्द हाइड ल सुन के सोशल मीडिया म ही दम तोड़ दिस।
नोनी के नंबर ल हाइड लिस्ट म डालना तो मोर बर संभव नइ रहिस हे फेर नोनी के आदेश के पालन भी जरूरी रहिस हे तेखर सेती मय हर अपन आप ल ही नोनी के जिनगी ले हाइड कर देहेंव। मय हर अपन सुवारी के मोबाइल उठा के देखेंव नोनी अभी भी अपन डीपी म अपन हीरो संग मुसकुरात भारी सुघ्घर दिखत रहिस हे।