17 फरवरी 2017 को मध्यप्रदेश के बालाघाट में स्थित इतिहास एवं पुरातत्व शोध संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में चंद घंटों में बेशुमार प्यार मिला। मंच में मंचासीन होकर वार्षिक पत्रिका गंगोत्री (प्रधान संपादक बालाघाट की कविता गहरवार एवं संपादक रायगढ़ के अमीचंद अग्रवाल) के 15 वें अंक के विमोचन के साथ ही नई दिल्ली के साहित्यकार सीताराम चौहान ‘‘पथिक’’ द्वारा रचित पुस्तक ‘‘पीड़ा ... घटते मूल्यों की’’ के विमोचन तक तथा अपने से उम्र तथा अनुभव में दोगुने उम्र के सैकड़ों लोगों को दिए जा रहे सम्मान में सहभागिता निभाने से लेकर उन्हें संबोधित करने तक बालाघाट में बिताया गया हर एक पल यादगार बन गया। इतिहास एवं पुरातत्व शोध संग्रहालय के राष्ट्रीय अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह गहरवार अपने जीवन संगिनी श्रीमती कविता गहरवार के साथ जिस तरह से बालाघाट एवं आसपास बिखरे ऐतिहासिक धरोहरों को समेटने में जुटे हुए हैं उनकी कोशिश स्थानीय स्तर पर उन्हें भागीरथ सी महत्ता प्रदान करती है
यही वजह है उन्होंने संग्रहालय के हित में जितनी भी मांग की जिले के कलेक्टर भरत यादव ने हर मांग को मंच से ही स्वीकृति प्रदान करते हुए उतनी राशि और मिलाने की घोषणा की तथा नोटशीट आदि की औपचारिकता में सप्ताह भर का समय व्यतीत होने की बात कहते हुए सीधे हस्ताक्षर किए। बालाघाट में बिताया गया हर पल यादगार रहा।
यही वजह है उन्होंने संग्रहालय के हित में जितनी भी मांग की जिले के कलेक्टर भरत यादव ने हर मांग को मंच से ही स्वीकृति प्रदान करते हुए उतनी राशि और मिलाने की घोषणा की तथा नोटशीट आदि की औपचारिकता में सप्ताह भर का समय व्यतीत होने की बात कहते हुए सीधे हस्ताक्षर किए। बालाघाट में बिताया गया हर पल यादगार रहा।